The Ultimate Guide To treatment piles in female

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डिजिटल रेक्टल परीक्षा : यह निदान का दूसरा चरण है। सूजी हुई रक्त वाहिकाओं को महसूस करने के लिए डॉक्टर मलाशय में एक दस्ताने वाली, चिकनाई उंगली डालकर देखते है। जांच के दौरान, डॉक्टर स्किन टैग, स्फिंक्टर टोन और पेरिअनल हाइजीन की जांच करते हैं।

किशमिश की सहायता से भी आप पाइल्स का घरेलू उपचार कर सकतें हैं। किशमिश का जूस बनाकर पिया जाये तो यह भी बवासीर में बहुत फ़ायदेमंद होता है। किशमिश की कुछ मात्रा लेकर उसे पूरी रात पानी में भिगोकर रखें और सुबह इस पानी में ही किशमिश को पीसकर पीने से बवासीर से राहत मिलती है।

ओपन सर्जरी की तुलना में बंद सर्जरी के पश्चात दर्द और रक्तस्राव के संदर्भ में अधिक लाभ हैं। इस प्रक्रिया में प्रोलैप्स, आंतरिक या बड़े बाहरी बवासीर को हटा दिया जाता है। पुनरावृत्ति दर किसी भी अन्य दृष्टिकोण की तुलना में काफी कम है।

बाबासीर के दवाई विभिन्न प्रकार की होती हैं और उनका काम विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। जलवायु नियंत्रक (वसोप्रेसिन) दवाएँ: ये दवाएँ रक्तदाब को कम करके बाबासीर के दर्द और सूजन को कम कर सकती हैं। जलवायु नियंत्रक-निषेचक (डायरेटिक्स) दवाएँ: ये बवासीर के उपचार में आमतौर पर उपयोग की जाती हैं और शारीरिक तरीके से शांति दिलाती हैं।

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पाइल्स से राहत click here पाने के लिए खाना सबसे अहम है. डाइट में खूब सारी हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और दालें शामिल करें.

बवासीर वाली जगह को काटने के लिए स्केलपेल का उपयोग करना।

आयुर्वेद में बवासीर को ‘अर्श’ कहा गया है। यह वात, पित्त एवं कफ तीनों दोषों के दूषित होने से होता है। इसलिए इसे त्रिदोषज रोग कहा गया है। जिस बवासीर में वात या कफ की प्रधानता होती है, वे अर्श शुष्क होते हैं। इसलिए मांसांकुरों में से स्राव नहीं होता है। जिस अर्श में रक्त या पित्त या रक्तपित्त की प्रधानता होती है, वे आर्द्र अर्श होते है। इसमें रक्तस्राव होता है। शुष्क अर्श में पीड़ा अधिक होती है।

विस्तृत रोगी इतिहास : इसमें लक्षणों की सीमा, गंभीरता और अवधि, मल त्याग की आवृत्ति, संबंधित लक्षण (जैसे, कब्ज, मल असंयम), दैनिक आहार की आदतें, और मल त्याग का विवरण (जैसे, प्रत्येक मल त्याग और उसके दौरान बिताया गया समय) शामिल होना चाहिए।

क्या घरेलू उपचार पाइल्स से राहत दिला सकते हैं?

नागकेसर: रक्तस्राव को रोकने में सहायक।

खान-पान की आदतें, कब्ज, मसालेदार खाना और शराब-सिगरेट जैसी चीज़ें इसके बड़े कारण हैं. डॉक्टर मानते हैं कि समय रहते अगर इलाज और लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाए तो इससे आसानी से राहत मिल सकती है. आइए समझते हैं बवासीर के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके.

कुल मिलाकर, पाइल्स कोई लाइलाज बीमारी नहीं है. सही डाइट, अच्छी आदतें और ये घरेलू नुस्खे मिलकर आपको जल्दी राहत दिला सकते हैं.

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